जब व्यक्ति अपने विचारों को लिखकर प्रकट करता है तो भाषा के इस रूप को लिखित भाषा कहते हैं ।…
बोलते समय वाक्यों में जो सुर का उतार-चढ़ाव होता है, उसे अनुतान कहते हैं। अनुतान को वाक्य का अभिलक्षण माना…
काव्य में अलंकार का स्थान व महत्व - अलंकार काव्य के लिए बहुत उपयोगी हैं। अलंकारों के प्रयोग से काव्य…
रीति और शैली का घनिष्ठ संबंध :- रीति और शैली अभिव्यक्ति की पद्धति है, जिसका अंग्रेजी पर्याय Style है। विशिष्ट…
उत्पत्ति यह रचना या बनावट के आधार पर शब्दों के तीन भेद होते हैं- 1. रूढ़ 2. यौगिक 3. योगरूढ़…
'काव्य की आत्मा ध्वनि है'—यह सिद्धान्त यद्यपि काफी पुराना है, परन्तु फिर भी बहुत पुराना नहीं कहा जा सकता। जिन…
भारतीय साहित्य शास्त्र के विकास क्रम का परिचय भारतीय साहित्य शास्त्र का आरम्भ सामान्यतः भरत मुनि के नाट्यशास्त्र (लगभग प्रथम…
आधुनिक हिंदी के छायावादी युग के प्रमुख रचनाकार जयशंकर प्रसाद जी का जन्म वाराणसी में सन् 1889 में हुआ था।…
"ध्वनि" शब्द का अर्थ बड़ा व्यापक है। किसी भी प्रकार की आवाज को ध्वनि कह दिया जाता है, चाहे मशीनों…
कविता पढ़ने और नाटक देखने से पाठक और श्रोता को जिस आनन्द की अनुभूति होती है वही रस है। वास्तव…