पूर्ति की लोच को समझाइए।

पूर्ति की लोच एक व्यापक आर्थिक अवधारणा है जो वस्तुओं या सेवाओं की कीमत में परिवर्तन का माप है और इससे उनकी आपूर्ति पर कैसा प्रभाव पड़ता है। इसे आपूर्ति और मांग के सम्बन्ध में समझा जाता है, जिसमें किसी वस्तु या सेवा की उपलब्धता और उसकी मांग के बीच संतुलन का मूल्यांकन किया जाता …

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स्पेक्ट्रम के प्रकार को समझाइए।

स्पेक्ट्रम एक ऐसा शब्द है जो हमारे विद्युत चुम्बकीय विकिरण के अध्ययन को समर्थन प्रदान करता है। इसका अर्थ है विकिरण जो वस्तुओं या पदार्थों द्वारा उत्सर्जित या अवशोषित होती है और इसे विशिष्ट तरंग दैर्ध्यों में प्रस्तुत करता है। इस पूरे अध्ययन में, हम इस स्पेक्ट्रम के विभिन्न प्रकारों की खोज करेंगे जो विद्युत …

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महालवाड़ी व्यवस्था से आप क्या समझते हैं

उत्तर प्रदेश और मध्य प्रान्त में महालवाड़ी व्यवस्था: समृद्धि का एक अद्वितीय कारण उत्तर प्रदेश और मध्य प्रान्त के कुछ भागों में, लार्ड वेलेजली द्वारा लागू की जाने वाली महालवाड़ी व्यवस्था नामक एक विशेष प्रकार की व्यवस्था है। यह व्यवस्था गाँवों के जमींदारों या उन लोगों को संदर्भित करती है जिनके पास अधिक भूमि होती …

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1857 के विद्रोह असफल क्यों हो गया कारण बताइए

1857 के विद्रोह का असफल होने में कई कारण थे, जो निम्नलिखित हैं: स्थानीय एवं असंगठित विद्रोह: 1857 का विद्रोह स्थानीय स्तर पर शुरू हुआ था और इसमें संगठितता की कमी थी। यह एक संघर्षक विद्रोह नहीं था, बल्कि अलग-अलग क्षेत्रों में भड़का। धनाभाव एवं उद्देश्य की एकता की कमी: साधन और धन की कमी …

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स्वामी दयानंद सरस्वती के धार्मिक विचार समझाइए

स्वामी दयानंद सरस्वती के धार्मिक विचारों के प्रति आपकी रुचि के लिए धन्यवाद। निम्नलिखित में, मैंने दयानंद सरस्वती के मुख्य धार्मिक विचारों को संक्षेपित रूप से बताया है: वेदों का महत्व: स्वामी दयानंद ने वेदों को अपने आध्यात्मिक और धार्मिक जीवन का स्रोत माना। उनका मानना था कि वेद दिव्य ज्ञान का स्रोत हैं और …

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भारत में पुनर्जागरण में हेनरी विवियन डिरोजियो के कार्यों को संक्षिप्त में बताइए

भारतीय इतिहास में, 19 शताब्दी के तीसरे और चौथे दशक में बंगाल के बुद्धिजीवियों में उग्रवादी प्रवृत्ति का जन्म हुआ था। इस आन्दोलन को ‘यंग बंगाल ‘आन्दोलन’ के नाम से जाना जाता है, जिसके प्रमुख संगीतकार हेनरी विवियन डेरोजियो थे। हेनरी विवियन डिरोजियो का जीवन हेनरी विवियन डिरोजियो एक एंग्लो-इंडियन थे जो 1826-1831 तक हिन्दू …

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बंगाल विभाजन के विरुद्ध बंगाल तथा महाराष्ट्र में हुए विरोध प्रदर्शन का वर्णन कीजिए

बंगाल विभाजन का निर्णय ने 1903 में समाज को हिला दिया था। इस निर्णय ने स्वदेशी आन्दोलन को जन्म दिया, जो अप्रत्याशित था और जनता को एक सामाजिक और आर्थिक बदलाव की दिशा में प्रेरित किया। इस लेख में, हम स्वदेशी आन्दोलन के महत्वपूर्ण पहलुओं को विवेचित करेंगे, जिसने बंगाल विभाजन के खिलाफ एक ऐतिहासिक …

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ब्रिटिश सामंतवादी व्यवस्था का भारतीय समाज पर क्या प्रभाव पड़ा

ब्रिटिश सामंतवादी व्यवस्था का भारतीय समाज पर प्रभाव: प्रस्तावना ब्रिटिश सामंतवादी व्यवस्था का भारतीय समाज पर असर, जिसे हम इस लेख में विश्लेषण करेंगे, विशेषकर ईसाई धर्मावलंबियों के साथ हुआ था। इस ऐतिहासिक संदर्भ में, हम देखेंगे कि कैसे इस प्रभावना की असली गहराईयों ने भारतीय समाज को बदला और कैसे यह बदलाव आधुनिकता की …

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1857 मैं कांग्रेस पार्टी के निर्माण में जिन परिस्थितियों में भूमिका निभाई गई उनकी व्याख्या कीजिए

एंड्रियूज और मुखर्जी द्वारा संयुक्त रूप से लिखी पुस्तक ‘राइज एंड ग्रोथ आफ दि कांग्रेस इन इंडिया’ के पृ. 128-129 पर लिखा: “1857 के बाद कांग्रेस पार्टी के गठन से ठीक पूर्व के वर्ष बहुत भयावह थे। अंग्रेज अफसरों के बीच ह्यूम ही वह व्यक्ति था जिसने आसन्न तबाही को देखा और इसको रोकने का …

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लॉर्ड डलहौजी की सामाजिक नीति का वर्णन कीजिये ?

भारत में ब्रिटिश सरकार की सामा जिक नीति का निर्धारण साम्राज्यवाद की आवश्यकता और हितों के द्वारा निर्धारित होता रहा. किसी भी सामाजिक नीति का निर्धारण साम्राज्यवादी विचारधाराओं के पोषक के रूप में किया गया. यही ब्रिटिश सरकार का लक्ष्य था और इसी को पुष्ट करने हेतु सारे प्रयास किए गए. वाणिज्यिक साम्राज्यवाद के दौर …

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