शहर और नगर बड़ी संख्या में लोगों के रहने के ही स्थान नहीं होते थे। जब किसी अर्थव्यवस्था में खाद्य उत्पादन के अतिरिक्त अन्य आर्थिक गतिविधियाँ विकसित होने लगती है तब किसी एक स्थान पर जनसंख्या का घनत्व बढ़ जाता है। इसके फलस्वरूप कस्बे बसने लगते हैं। ऐसी परिस्थिति में लोगों का कस्बों में इकट्ठे रहना उनके लिए फायदेमंद सिद्ध होता है। विशेषतः इसलिए क्योंकि शहरी अर्थव्यवस्थाओं में खाद्य उत्पादन के अलावा व्यापार, उत्पादन और तरह-तरह की सेवाओं की भी महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है।
नगर के लोग आत्मनिर्भर नहीं रहते और उन्हें नगर या गाँव के अन्य लोगों द्वारा उत्पन्न वस्तुओं या दी जाने वाली सेवाओं के लिए उन पर आश्रित होना पड़ता है । उनमें आपस में बराबर लेन-देन होता रहता है। उदाहरण के लिए, एक पत्थर की मुद्रा बनाने वाले को पत्थर उकेरने के लिए काँसे के औज़ारों की जरूरत पड़ती है; वह स्वयं ऐसे औज़ार नहीं बना सकता और वह यह भी नहीं जानता कि मुद्राओं के लिए आवश्यक रंगीन पत्थर वह कहाँ से प्राप्त करे । उसकी विशेषज्ञता तो सिर्फ नक्काशी यानी पत्थर उकेरने तक ही सीमित होती है, वह व्यापार करना नहीं जानता । काँसे के औज़ार बनाने वाला भी धातु-ताँबा या राँगा (टिन) लाने के लिए खुद बाहर नहीं जाता। साथ ही, उसे ईंधन के लिए हरदम लकड़ी के कोयले की ज़रूरत रहती है। इस प्रकार श्रम – विभाजन (Division of Labour) शहरी – जीवन की विशेषता है।<br>
इसके अलावा, शहरी अर्थव्यवस्था में एक सामाजिक संगठन का होना भी जरूरी है। शहरी विनिर्माताओं के लिए ईंधन, धातु, विभिन्न प्रकार के पत्थर, लकड़ी आदि जरूरी चीजें भिन्न-भिन्न जगहों से आती हैं जिनके लिए संगठित व्यापार और भंडारण की भी आवश्यकता होती है । शहरों में अनाज और अन्य खाद्य-पदार्थ गाँवों से आते हैं और उनके संग्रह तथा वितरण के लिए व्यवस्था करनी होती है। इसके अलावा और भी अनेक प्रकार के क्रियाकलापों में तालमेल बैठाना पड़ता है: मुद्रा काटने वालों को केवल पत्थर ही नहीं, उन्हें तराशने के लिए औज़ार और बर्तन भी चाहिए। जाहिर है कि ऐसी प्रणाली में कुछ लोग आदेश देते हैं और दूसरे उनका पालन करते हैं। इसके अलावा, शहरी अर्थव्यवस्था को अपना हिसाब-किताब लिखित रूप में रखना होता है।
Industry refers to economic activities, which are connected with conversion of resources into useful goods. Industry is concerned with the…
Business refers to any occupation in which people regularly engage in an activity with an objective of earning profit. The…
According to Prof. Samuelson, every economy has three basic problems of resource allocation: (a) What to produce and how much…
The introduction of High Yielding Varieties (HYV) of seeds and the increased use of fertilisers, pesticides and irrigation facilities are…
Yes, we agree with the above statement that the traditional handicrafts industries were ruined under the British rule. The following…
India was under British rule for almost two centuries before attaining Independence in 1947. The main focus of the economic…