वास्तविक विलयन उन समांग (homogeneous) तन्त्रों को कहते है जिनमें उपस्थित कणों का आकार 1 nm या 10A से कम होता है। इनके कण दृश्य नहीं होते हैं तथा इन्हें सूक्ष्मदर्शी की सहायता से भी नहीं देखा जा सकता है। वास्तविक विलयन में विलेय के कण एक अणु अथवा आयन के रूप में सम्पूर्ण विलयन में वितरित रहते हैं। विलेय के कणों का आकार बहुत कम होने के कारण वास्तविक विलयन सामान्य फिल्टर पेपर तथा जन्तु झिल्ली में से आसानी से गमन कर जाते हैं। उदाहरणार्थ, सोडियम क्लोराइड, शर्करा, यूरिया इत्यादि जल में घुलकर वास्तविक विलयन बनाते हैं।
वास्तविक विलयन (शर्करा विलयन के समान) में, विलेय कण इतने छोटे होते हैं कि वे उन पर पड़ने वाली प्रकाश किरणों को प्रकीर्णित (या परावर्तित) नहीं कर सकते हैं। उदाहरणार्थ, यदि प्रकाश का किरण पुंज (टॉर्च से) अंधेरे कमरे में बीकर में रखे वास्तविक विलयन, (माना कि, शर्करा विलयन) पर डाला जाता है, जब किनारे से देखते हैं विलयन के भीतर प्रकाश किरणपुंज का मार्ग दिखायी नहीं देता है । प्रकाश की किरणपुंज केवल तभी दिखाई दे सकती है जब विलेय कण, उन पर पड़ने वाले प्रकाश को परावर्तित करने के लिए काफी बड़े होते हैं। क्योंकि वास्तविक विलयन के कण प्रकाश का प्रकीर्णन नहीं करते हैं, हम निष्कर्ष निकालते हैं कि उन्हें अत्यधिक छोटा होना चाहिए।
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