भारत गाँवों में बसता है, परंतु नई सभ्यता शहरों की ओर उन्मुख है।
शहरी सभ्यता धूल को प्रदूषण मानती है। अतः धूल से खेलना उसे अस्वस्थकर लगता है।
साथ ही यह सभ्यता ऊँची-ऊँची इमारतों में रहना चाहती है, जिससे वह धूल से दूर रह सके।
भारत गाँवों में बसता है, परंतु नई सभ्यता शहरों की ओर उन्मुख है।
शहरी सभ्यता धूल को प्रदूषण मानती है। अतः धूल से खेलना उसे अस्वस्थकर लगता है।
साथ ही यह सभ्यता ऊँची-ऊँची इमारतों में रहना चाहती है, जिससे वह धूल से दूर रह सके।