समांतर माध्य की तीन विशेषताएं:-
1) दो संख्याओं a तथा b के मध्य समांतर माध्य को इनके औसत (a+b)/2 के रूप में व्याख्यित किया जा सकता है।
2)समांतर माध्य से लिये गये सभी पदों के विचलनों का योग शून्य होता है। अर्थात् ∑dX̄ = 0
3)समांतर माध्य लिये गये सभी पदों के विचलनों के वर्गों का योग न्यूनतम होता है अर्थात् ∑d2X̄ न्यूनतम होता है।