चौसा का युद्ध 1539 ई. में हुमायूँ और शेरशाह सूरी के मध्य हुआ जिसमें शेरशाह सूरी ने हुमायूँ को हराया था |
चौसा गंगा नदी के उत्तरी तट पर स्थित हैं ।
गौड़ विजय के बाद लगभग आठ महीने हुमायूँ की सेना गौड़ में ही रही। गौड़ से आगरा प्रस्थान के दौरान बक्सर के पास चौसा में छावनी डाली गई। शेर खान पीछा करते हुए चौसा पहुँचा और अचानक हुमायूँ की सेना पर टूट पड़ा। हुमायूँ ने वापसी में अनेक गलतियाँ कीं। शेर खाँ ने हुमायूँ को तोपखाने के प्रयोग का अवसर नहीं दिया। अन्ततः रण क्षेत्र से भागने को विवश कर दिया। इसी युद्ध में शेर खाँ ने शेरशाह की उपाधि धारण की।।
इस लड़ाई में हुमायूं के साथ उसके भाई हिन्दाल एवं अस्करी भी थे, फिर भी पराजय ने हुमायूं का पीछा नहीं छोड़ा।