मारिया पाठ का सार
मरिया छत्तीसगढ़ी भाषा में लिखी हुई डॉ. परदेशी राम वर्मा की ऐसी क्रान्तिकारी सामाजिक कहानी है, जिसमें वर्तमान परिवेश में प्रचलित मृत्युभोज की परम्परा के औचित्य पर प्रश्न उपस्थित कर इसे समाप्त करने पर बल दिया गया है। इस तरह की रूढ़िवादी परम्पराएँ व्यक्ति को ऊपर नहीं उठने देतीं बल्कि कर्ज के बोज से वह दबा ही रहता है। उसका जीवन एकतमय भी बना रहता है। यह हृदय को स्पर्श करने वाली सफल कहानी है।