बड़े भाई साहब ने जिंदगी के अनुभव और किताबी ज्ञान में किसे और क्यों महत्वपूर्ण कहा है?

बड़े भाई साहब ने किताबी ज्ञान से अधिक जिंदगी के अनुभव को महत्वपूर्ण बताया है। उनका मानना था कि उम्र के साथ-साथ जो अनुभव होता है वही जीवन में सही या गलत की राह दिखाता है। उनके बड़ों के पास चाहे डिग्रियाँ न हों लेकिन जीवन में अनुभवों से उन्हें उचित – अनुचित का बोध हुआ। स्कूल के हेडमास्टरजी ने भले ही ऑक्सफोर्ड से एम ए किया हो पर उनका घर उनकी बूढ़ी माँ ही कुशलतापूर्वक चलाती हैं। जीवन में अनुभवों के आधार पर ही सही-गलत का विवेक आता है तथा उसे प्राप्त करना पुस्तकीय ज्ञान से संभव नहीं है।

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