बड़े भाई साहब के अनुसार अनुभव जीवन की समझ का पर्याय हैं। उनके अनुसार जिंदगी में अनुभव ही अधिक महत्त्वपूर्ण है। सारी डिग्रियाँ बेकार हो जाती हैं तथा वास्तविक अनुभव ही बेहतरी के काम आते हैं। शिक्षित होना तथा दुनियाभर की जानकारी भी अनुभव का रूप ही है।
बड़े भाई साहब ने जिम्मेवारी तथा कर्तव्य पालन की प्रक्रिया को जीवन की समझ का आशय माना है। विपत्ति के समय धैर्य तथा साहस का परिचय देते हुए, उस स्थिति से उबरना ही जीवन की समझ है। प्रतिष्ठा तथा समाज में नेकनामी के आधार पर अपने कर्त्तव्यों का पालन ही जीवन की समझ है, ऐसा बड़े भाई साहब मानते हैं।