डिमांड पुल और कॉस्ट पुश इन्फ्लेशन की व्याख्या करें।

माँग प्रेरित मुद्रा स्फीति(DEMAND PULL INFLATION):- माँग प्रेरित मुद्रा स्फीति तब उत्पन्न होती है जब बढ़ती माँग के कारण कीमत स्तर में वृद्धि का दबाव होता है। अर्थ व्यवस्था में मुद्रा पूर्ति की वृद्धि अथवा उपभोक्ता की बढ़ती उपभोग प्रवृत्ति के कारण माँग प्रेरित मुद्रा स्फीति उत्पन्न होती है।
शैपिरो (Shapiro) के अनुसार, “माँग प्रेरित मुद्रा स्फीति में कीमत इसलिए बढ़ जाती है क्योंकि वर्तमान कीमतों पर वस्तुओं तथा सेवाओं की माँग उपलब्ध पूर्ति की तुलना में बढ़ जाती है।”
“According to Demand Pul Inflation the general police level rises because the demand for goods and services exceeds the De supply available at existing prices.”

लागत वृद्धि स्फीति (COST PUSH INFLATION) :- लागत वृद्धि स्फीति तब उत्पन्न होती है जब उत्पत्ति साधनों की बढ़ती कीमतों के कारण उत्पादन लागत बढ़ती है और परिणामस्वरूप कीमत स्तर में वृद्धि होती है।

माँग आधिक्य को आधार बनाकर जे. एम. केन्स ने मुद्रा स्फीति को रोजगार की स्थिति से सम्बन्धित किया है |

केन्स के अनुसार, “पूर्ण रोजगार के बिन्दु पर पहुँचने से पहले यदि मुद्रा की मात्रा का प्रसार होता है तो उसका एक अंश तो रोजगार का विस्तार करेगा और दसरा अंश उत्पादन लागत में वृद्धि करके कीमतों को बढ़ाएगा।”
केन्स के अनुसार, पूर्ण रोजगार स्तर से पूर्व की अवस्था अर्द्ध-स्फीति (Semi-inflation) की अवस्था है। पूर्ण रोजगार स्तर के बाद यदि मुद्रा की मात्रा में वृद्धि होती है तब यह पूर्ण रोजगार रेखा मुद्रा वृद्धि केवल कीमतों को बढ़ाएगी। केन्स ने इस दशा को पूर्ण स्फीति (Full inflation) कहा है।

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