जनसंख्या वृद्धि की चार प्रावस्थाओं का वर्णन कीजिए

जनसंख्या वृद्धि से आशय-दो समय बिन्दुओं के मध्य किसी क्षेत्र विशेष में रहने वाले लोगों की संख्या में परिवर्तन को जनसंख्या वृद्धि कहा जाता है। इसकी दर को प्रतिशत में अभिव्यक्त किया जाता है।

भारत में जनसंख्या वृद्धि की विभिन्न प्रावस्थाएँ सन् 1901 से 2011 के मध्य भारत में हुई जनसंख्या वृद्धि को निम्नलिखित चार प्रावस्थाओं के अन्तर्गत रखा जाता है:-
(i) प्रावस्था-(क) (उच्च जन्म-दर व उच्च मृत्यु-दर)- वर्ष 1901 से 1921 तक ऋणात्मक की अवधि में भारत में जनसंख्या की वृद्धि दर अति निम्न रही। इस अवधि में 1911-21 के दशक में भारत की जनसंख्या में वृद्धि अनुभव की गई। उक्त अवधि में भारतीय जनसंख्या में जन्म-दर व मृत्यु-दर दोनों ही उच्च रहीं जिसके कारण देश में जनसंख्या की वृद्धि दर निम्न बनी रही। निम्न स्तरीय चिकित्सा सुविधाएँ, निरक्षरता, भोजन व अन्य आधारभूत आवश्यकताओं की अपर्याप्त उपलब्धता उक्त अवधि में जनसंख्या की उच्च जन्म दर व उच्च मृत्यु-दर के लिए प्रमुख उत्तरदायी कारक रहे।

(ii) प्रावस्था-(ख) (उच्च जन्म-दर व घटती मृत्यु-दर)- वर्ष 192151 की अवधि को जनसंख्या की सतत वृद्धि की अवधि के रूप में जाना जाता है। उक्त अवधि में स्वच्छता तथा चिकित्सा सुविधाओं में हुए व्यापक सुधारों के कारण मृत्यु-दर में गिरावट अनुभव की गयी। उच्च जन्म-दर व घटती मृत्यु-दर के कारण पिछली प्रावस्था की तुलना में इस प्रावस्था में जनसंख्या की वृद्धि दर उच्च रही।

(iii) प्रावस्था-(ग) (उच्च जन्म-दर तथा तेजी से घटती मृत्यु-दर)- वर्ष 1951-81 के दशकों की अवधि को भारत में जनसंख्या विस्फोट की अवधि के रूप में जाना जाता है। उक्त अवधि में जन्म-दरें उच्च रही लेकिन मृत्यु में तीव्र ह्रास अनुभव किया गया जिसके कारण देश में जनसंख्या की औसत वार्षिक वृद्धि दर 2.2 प्रतिशत तक ऊँची रही। मृत्यु-दरों में तीव्र गिरावट का प्रमुख कारण अर्थव्यवस्था व जीवन स्तर में सुधार तथा चिकित्सा सुविधाओं का व्यापक व आधुनिक होना रहा। इसके अतिरिक्त उक्त 30 वर्षों की अवधि में भारत के समीपवर्ती देशों (बांग्लादेश, तिब्बत, नेपाल तथा पाकिस्तान) से भारत में आकर बसने वाले लोगों ने भी देश की उच्च जनसंख्या वृद्धि दर में योगदादिया।

(iv) प्रावस्था-(घ) (घटती जन्म-दर व घटती मृत्यु-दर)- वर्ष 1981 से 2011 के मध्य की अवधि में यद्यपि जनसंख्या की वद्धि-दरें उच्च रही लेकिन उसमें धीमी गति से गिरावट भी अनुभव की गयी। उक्त अवधि में जन्म-दर तथा मृत्यु-दर दोनों के लिए जनसंख्या की घटती जन्म-दर को उत्तरदायी माना गया। उक्त अवधि में भारत में विवाह के समय औसत आयु में वृद्धि, जीवन गुणवत्ता में सुधार तथा महिला साक्षरता में सुधार अनुभव किये गये।

JAI YADAV

Recent Posts

Explain with examples the various types of industries

Industry refers to economic activities, which are connected with conversion of resources into useful goods. Industry is concerned with the…

5 months ago

Explain the characteristics of business

Business refers to any occupation in which people regularly engage in an activity with an objective of earning profit. The…

5 months ago

What are the fundamental economic problems of economics?

According to Prof. Samuelson, every economy has three basic problems of resource allocation: (a) What to produce and how much…

5 months ago

What is Green Revolution? Why was it implemented and how did it benefit the farmers? Explain in brief.

The introduction of High Yielding Varieties (HYV) of seeds and the increased use of fertilisers, pesticides and irrigation facilities are…

5 months ago

The traditional handicrafts industries were ruined under the British rule. Do you agree with this view? Give reasons in support of your answer.

Yes, we agree with the above statement that the traditional handicrafts industries were ruined under the British rule. The following…

5 months ago

What was the focus of the economic policies pursued by the colonial government in India? What were the impacts of these policies?

India was under British rule for almost two centuries before attaining Independence in 1947. The main focus of the economic…

5 months ago