आदरार्थ बहुवचन में व्यक्तिवाचक अथवा उपनामवाचक संज्ञाओं के आगे जी, महाराज, साहब, महाशय, महोदय, बहादुर, शास्त्री, स्वामी, देवी इत्यादि लगाते हैं। इन शब्दों का प्रयोग अलग-अलग है।
आदरार्थ बहुवचन के उदाहरण :-
जी- यह शब्द नाम, उपनाम, पद, उपपद इत्यादि के साथ आता है और साधारण नौकर से लेकर देवता तक के लिए इसका प्रयोग होता है, जैसे- गया प्रसादजी, मिश्रजी, बाबूजी, पटवारीजी, चौधरीजी, रानीजी, सीताजी, गणेशजी । कभी-कभी इसका प्रयोग नाम और उपनाम के बीच में होता है, जैसे- मथुराप्रसादजी मिश्र ।
महाराज – इसका प्रयोग साधु, ब्राह्मण, राजा और देवता के लिए होता है । यह शब्द नाम अथवा उपनाम के आगे जोड़ा जाता है और बहुधा ‘जी’ के पश्चात् आता है, जैसे- देवदत्त महाराज, पांडेयजी महाराज, रणजीत सिंह महाराज, इंद्र महाराज इत्यादि ।
साहब – यह उर्दू शब्द बहुधा ‘जी’ के पर्याय में आता है। इसका प्रयोग नामों के साथ अथवा उपनामों या पदों के साथ होता है, जैसे- रमणलाल साहब, वकील साहब, डॉक्टर साहब, रायबहादुर साहब। इसका प्रयोग बहुधा ब्राह्मणों के नामों या उपनामों के साथनहीं होता । स्त्रियों के लिए प्रायः स्त्रीलिंग ‘साहबा’ शब्द आता है, जैसे- मेम साहबा, रानी साहबा इत्यादि ।