अंतराफसलीकरण के लाभ
(i) मृदा की उर्वरता बढ़ती है।
(ii) फसल उत्पादन में वृद्धि होती है।
(iii) पीड़क व रोगों को एक प्रकार की फसल के सभी पौधों में फैलने से रोका जा सकता है।
(iv) समय और लागत की बचत होती है।
फसल चक्र के लाभ
(i) फसलों की हानि की संभावना कम हो जाती है।
(ii) मृदा की उर्वरता संतुलित रहती है।
(iii) एक वर्ष में दो अथवा तीन फसलों से अच्छा उत्पादन प्राप्त होता है।