Forum उत्तर Created
- उत्तर
-
- February 7, 2023 at 10:10 am
- in reply to: बड़े भाई साहब दिमाग को आराम देने के लिए क्या करते थे ?
बड़े भाई साहब कभी कॉपी और कभी किताब के हाशियों पर चिड़ियों, कुत्तों, बिल्लियों की तसवीरें बनाया करते और कभी-कभी एक ही शब्द या वाक्य को दस-बीस बार लिख डालते थे ।- February 7, 2023 at 9:37 am
- in reply to: बड़े भाई की डाँट फटकार अगर न मिलती, तो क्या छोटा भाई कक्षा में अव्वल आता? अपने विचार प्रकट कीजिए ।
बड़े भाई की डाँट फटकार अगर न मिलती तो संभव था, छोटा भाई कक्षा में अव्वल नहीं आता। यह सही है कि छोटा भाई पढ़ने में होशियार था और पढ़ने-लिखने के साथ खेल – कूद पर भी ध्यान देता था। यह दूसरी बात थी कि बड़े भाई उसे भी किताबी कीड़ा बनने की नसीहत देते थे। बड़े भाई साहब की डाँट-फटकार के कारण ही संभवतः छोटा भाई अपने दरजे में अव्वल आता था, क्योंकि उसे पता होता था कि असफल होने पर प्राणांत डाँट फटकार सुननी पड़ सकती है, अतः वह परीक्षा के समय अधिक परिश्रम तथा सचेतन रूप से पढ़ाई करता था। छोटे भाई को बड़े भाई की फटकार यदि नहीं मिलती, तो हो सकता था कि छोटे भाई को परीक्षा में अव्वल आने की कोई प्रेरणा नहीं मिलती।- February 7, 2023 at 9:22 am
- in reply to: बड़े भाई साहब ने जिंदगी के अनुभव और किताबी ज्ञान में किसे और क्यों महत्वपूर्ण कहा है?
बड़े भाई साहब ने किताबी ज्ञान से अधिक जिंदगी के अनुभव को महत्वपूर्ण बताया है। उनका मानना था कि उम्र के साथ-साथ जो अनुभव होता है वही जीवन में सही या गलत की राह दिखाता है। उनके बड़ों के पास चाहे डिग्रियाँ न हों लेकिन जीवन में अनुभवों से उन्हें उचित – अनुचित का बोध हुआ। स्कूल के हेडमास्टरजी ने भले ही ऑक्सफोर्ड से एम ए किया हो पर उनका घर उनकी बूढ़ी माँ ही कुशलतापूर्वक चलाती हैं। जीवन में अनुभवों के आधार पर ही सही-गलत का विवेक आता है तथा उसे प्राप्त करना पुस्तकीय ज्ञान से संभव नहीं है।- February 7, 2023 at 9:19 am
- in reply to: बड़े भाई साहब की स्वभावगत विशेषताएँ बताइए |
बड़े भाई साहब छोटे भाई से पाँच साल बड़े थे, लेकिन केवल तीन बड़े कक्षा आगे थे। वे लेखक को सही राह दिखाना अपना कर्त्तव्य समझते थे।बड़े भाई साहब की स्वभावगत विशेषताएँ इस प्रकार हैं :-
परिश्रमी एवं अध्ययनशील:- बड़े भाई साहब अत्यन्त परिश्रमी थे। वे दिन-रात मेहनत से पढ़ा करते थे। उन्हें चित्र बनाने का शौक था। वे आराम के क्षणों में भी जानवरों के चित्र बनाते थे।
संयमी और कर्त्तव्यपरायण:- उनका मन खेलने और पतंग उड़ाने का करता था। वह मेलों और उत्सवों में भाग लेना चाहते थे परन्तु छोटे भाई को सही राह दिखाने के कारण वह स्वयं अपनी इच्छाओं पर नियन्त्रण कर लेते थे।
आदर्श भाई:- वे एक आदर्श बड़े भाई थे और आदर्श बड़े भाई के समान ही व्यवहार करते थे। वे सोचते थे कि यदि वह स्वयं सही राह पर न चलेंगे तो छोटे भाई को कैसे संभालेंगे।
आदरशील:- बड़े भाई साहब अपने से बड़ों का आदर करते थे। वह अपने से बड़ों, अपने माता-पिता तथा गुरुजनों का सम्मान करते थे। वे बड़ों के अनुभवों का भी सम्मान करते थे। वे समय-समय पर छोटे भाई को उदाहरण भी दिया करते थे।
कठोर एवं अनुशासित:- वह छोटे भाई के साथ कठोर व्यवहार करते थे और हर समय डाँट-डपट से काम लेते थे। वे छोटे भाई के सामने अपना अनुशासित व्यक्तित्व ही प्रस्तुत करते थे।- February 6, 2023 at 3:32 pm
- in reply to: बड़े भाई साहब के अनुसार जीवन की समझ कैसे आती है
बड़े भाई साहब के अनुसार अनुभव जीवन की समझ का पर्याय हैं। उनके अनुसार जिंदगी में अनुभव ही अधिक महत्त्वपूर्ण है। सारी डिग्रियाँ बेकार हो जाती हैं तथा वास्तविक अनुभव ही बेहतरी के काम आते हैं। शिक्षित होना तथा दुनियाभर की जानकारी भी अनुभव का रूप ही है।
बड़े भाई साहब ने जिम्मेवारी तथा कर्तव्य पालन की प्रक्रिया को जीवन की समझ का आशय माना है। विपत्ति के समय धैर्य तथा साहस का परिचय देते हुए, उस स्थिति से उबरना ही जीवन की समझ है। प्रतिष्ठा तथा समाज में नेकनामी के आधार पर अपने कर्त्तव्यों का पालन ही जीवन की समझ है, ऐसा बड़े भाई साहब मानते हैं।- February 5, 2023 at 10:28 pm
- in reply to: 1989 के बाद भारतीय राजनीति पर दलीय व्यवस्था के विखंडन का क्या प्रभाव पड़ा है
1989 के बाद भारतीय राजनीति पर दलीय व्यवस्था के विखंडन:- यद्यपि भारत में बहुदलीय व्यवस्था है, लेकिन वर्ष 1967 के चौथे आम चुनाव के पूर्व तक एक दल प्रभुत्व की व्यवस्था विद्यमान रही लेकिन इसके बाद विशेषकर 1989 के बाद लोकसभा चुनावों में एक नवीन प्रवृत्ति भारतीय राजनीति में उभरकर सामने आती है, वह है एक दल के प्रभुत्व का अंत अतः 1989 के बाद एक दलीय प्रभुत्व व्यवस्था का अन्त हो गया तथा मिली-जुली सरकारों का युग प्रारम्भ हुआ।भारत के राजनीतिक दलों के विकास से स्पष्ट होता है कि एक लम्बे समय तक भारत में संगठित विपक्ष का अभाव रहा है। परंतु 1989 के पश्चात् अब सशक्त विपक्ष देखने को मिल रहा है। देखा गया है कि नवीं, दसवीं, ग्यारहवीं, 12वीं, 13वीं, 14वीं तथा 15वीं लोकसभा के चुनावों ने संसद और देश की राजनीति में एक शक्तिशाली विपक्ष को जन्म दिया है।
जून 1991 के लोकसभ चुनाव के परिणामस्वरूप भारतीय जनता पार्टी, जनता दल तथा वामपंथी मोर्चा संसद में शक्तिशाली विपक्ष की स्थिति में थे। राज्य स्तर पर भी अधिकांश राज्यों में विपक्ष पर्याप्त शक्तिशाली है या कम-से-कम उसे मान्यता प्राप्त विपक्षी दल की स्थिति प्राप्त है। इस प्रकार प्रारंभ में एवं सन् 1980 से 1989 तक संसद एवं राज्य विधानसभाओं में संगठित विरोधी दलों का अभाव रहा।
सन् 1991 से 2004 के चुनावों के बाद अब वह स्थिति नहीं है वरन् सशक्त विपक्ष का प्रादुर्भाव हो चुका है जो भारतीय दलीय प्रणाली की महत्वपूर्ण विशेषता है।
भारतीय राजनीतिक दलीय प्रणाली में दल-बदल की प्रवृत्ति में खासी कमी आई है। 52वें संशोधन तथा बाद में 91वें संशोधन द्वारा दल-बदल पर पूर्णतया रोक लगाने का प्रयास किया गया है।
- February 5, 2023 at 8:14 am
- in reply to: GM फसलें क्या है इनके लाभ बताइए।
ऐच्छिक गुण वाले जीन एक पौधे से दूसरे पौधे में स्थानांतरित करके फसल प्राप्त करना GM (आनुवंशिकीय रूपांतरित – Genetically Modified) फसल कहलाती है। बीटी (Bt) कॉटन एक GM फसल है, जिसे बैक्टीरिया से जीन डालकर कीट प्रतिरोधक बनाया जाता है।आनुवंशिकीय रूपान्तरित (GM ) फसलों के लाभ :-
(i) फसलों के रोग प्रतिरोधी होने से उत्पादन में वृद्धि होती है व कटाई पश्चात् होने वाले नुकसान में कमी आती है।
(ii) ये फसलें जैविक व अजैविक कारकों (सूखा, ताप, लवणता ) आदि के लिए प्रतिरोधी होती हैं।
(iii) फसल की पोषण गुणवत्ता व खनिज उपयोग क्षमता में वृद्धि हो जाती हैं।
(iv) रासायनिक पीड़कनाशकों पर निर्भरता कम हो जाती हैं।आनुवंशिकीय रूपान्तरित (GM) फसलों की हानियाँ :-
(i) Bt – विष के कारण अन्य प्राकृतिक जीव; जैसे- परागण कारियों (Pollinators) की मृत्यु हो जाती है व खाद्य श्रृंखला में परिवर्तन हो जाता है।
(ii) इनके लगातार प्रयोग से कीट इन फसलों के प्रति प्रतिरोधी हो जाते हैं, फिर इन्हें खत्म करने के लिए रासायनिक कीटनाशकों की आवश्यकता पड़ती हैं।
(iii) ये फसलें व इनके उत्पाद अनेक लोगों में एलर्जी उत्पन्न कर देते हैं।
(iv) इस तकनीक द्वारा उत्पादित फसलों में सामान्यता बीज निर्माण नहीं होता है। अतः किसानों को प्रतिवर्ष नए बीज खरीदने पड़ते हैं, जोकि महंगा प्रक्रम है।- February 4, 2023 at 11:57 pm
- in reply to: कप की अपेक्षा प्लेट से हम गर्म दूध या चाय जल्दी क्यों पी लेते हैं?
कप की अपेक्षा प्लेट का सतही क्षेत्रफल अधिक होता है, जिसके फलस्वरूप वाष्पीकरण की दर बढ़ जाती है, जिस कारण कप की तुलना में प्लेट से हम गर्म दूध या चाय जल्दी पी लेते हैं।- February 4, 2023 at 11:57 pm
- in reply to: ऐसीटोन / पेट्रोल या इत्र डालने पर हमारी हथेली ठंडी क्यों हो जाती है ?
ऐसीटोन / पेट्रोल या इत्र के सतह का क्षेत्रफल बढ़ाने पर अधिक तेजी से वाष्पीकृत होते हैं। इस प्रक्रिया के दौरान ये पदार्थ हथेली से पर्याप्त मात्रा में गुप्त ऊष्मा अवशोषित करते हैं, जिसके फलस्वरूप हथेली ठंडी हो जाती है।- February 4, 2023 at 11:56 pm
- in reply to: गर्मियों में घड़े का जल ठंडा क्यों होता है ?
घड़े की सतह पर छोटे-छोटे छिद्र होते हैं। वाष्पीकरण की दर सहत क्षेत्र बढ़ने पर बढ़ती है। घड़े में रखा जल छिद्रों से अधिक तेजी से वाष्पीकृत होता है। फलस्वरूप गर्मियों में घड़े का जल ठंडा होता है।- February 4, 2023 at 11:46 pm
- in reply to: आनुवंशिक फेरबदल क्या है? कृषि प्रणालियों में ये कैसे उपयोगी है?
आनुवंशिक फेरबदल परिभाषा :-
ऐच्छिक गुणों वाले जीन का एक पौधे से दूसरे पौधे में स्थानांतरण करके अच्छी फसल प्राप्त करना आनुवंशिक फेरबदल कहलाता है।कृषि प्रणालियों में निम्न प्रकार से उपयोगी है
(i) इससे फसल की गुणवत्ता में सुधार होता है।
(ii) परिपक्वन काल कम हो जाता है, जिससे फसल उत्पादन में धन भी कम खर्च होता है।
(iii) एक ही किस्म को विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न जलवायु में उगाया जा सकता है।
(iv) जैविक तथा अजैविक प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है।- February 4, 2023 at 11:34 pm
- in reply to: अंतराफसलीकरण तथा फसल चक्र के क्या लाभ हैं
अंतराफसलीकरण के लाभ
(i) मृदा की उर्वरता बढ़ती है।
(ii) फसल उत्पादन में वृद्धि होती है।
(iii) पीड़क व रोगों को एक प्रकार की फसल के सभी पौधों में फैलने से रोका जा सकता है।
(iv) समय और लागत की बचत होती है।
फसल चक्र के लाभ
(i) फसलों की हानि की संभावना कम हो जाती है।
(ii) मृदा की उर्वरता संतुलित रहती है।
(iii) एक वर्ष में दो अथवा तीन फसलों से अच्छा उत्पादन प्राप्त होता है।- February 4, 2023 at 11:32 pm
- in reply to: फसल सुधार के लिए ऐच्छिक शस्य विज्ञान गुण क्या है?
चारे वाली फसलों के लिए लंबी तथा सघन शाखाएँ ऐच्छिक गुण है। अनाज के लिए बौने पौधे उपयुक्त हैं ताकि इन फसलों को उगाने के लिए कम पोषकों की आवश्यकता हो। इस प्रकार शस्य विज्ञान वाली किस्में अधिक उत्पादन प्राप्त करने में सहायक होती हैं।- February 4, 2023 at 11:24 pm
- in reply to: मिश्रित मछली संवर्धन के क्या लाभ है?
मिश्रित मछली संवर्धन तंत्र में एक ही तालाब में 5 अथवा 6 मछलियों की स्पीशीज का प्रयोग किया जाता है। इनमें ऐसी मछलियों को चुना जाता है, जिनमें आहार के लिए प्रतिस्पर्धा न हो अथवा उनके आहार भिन्न-भिन्न हों। इसके परिणामस्वरूप तालाब के प्रत्येक भाग में उपलब्ध आहार का प्रयोग हो जाता है; जैसे- कटला मछली जल की सतह से अपना भोजन लेती है । मृगल तथा कॉमन कार्प तालाब की तली से तथा ग्रास कार्प खरपतवार खाती हैं। इस प्रकार ये सभी मछलियाँ साथ-साथ रहते हुए भी बिना स्पर्धा के अपना-अपना आहार लेती हैं। इससे तालाब में मछली के उत्पादन में वृद्धि होती है।- February 3, 2023 at 3:51 pm
- in reply to: विश्व में दूसरी सबसे अधिक लोगों द्वारा बोली जाने वाली भाषा कौन सी है?
विश्व में दूसरी सबसे अधिक लोगों द्वारा बोली जाने वाली भाषा चाइनीज या मेन्डारिन है|यह लगभग 1120 मिलियन लोगों द्वारा बोली जाती है। विश्व की सर्वाधिक लोगों द्वारा |
बोली जाने वाली भाषा अंग्रेजी है, जिसे लगभग 1348 मिलियन लोगों द्वारा बोली जाती है।