कंप्यूटर एक स्वचालित तथा निर्देशों के अनुसार कार्य करने वाला इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है, जो डाटा ग्रहण करता है और सॉफ्टवेयर या प्रोग्राम के अनुसार, किसी परिणाम के लिए डाटा को प्रोसेस, संग्रहीत अथवा प्रदर्शित करता हैं। ‘कंप्यूटर’ शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा के ‘Computare’ शब्द से हुई है, जिसका सामान्यतः अर्थ ‘गणना करना’ है। इसलिए इसे गणक यन्त्र भी कहा जाता है।
कम्प्यूटर के घटक
कोई कम्प्यूटर छोटा हो या बड़ा, नया हो या पुराना, उसकी मूल संरचना सदैव एक ही तरह की होती है। प्रत्येक कम्प्यूटर के चार मुख्य भाग होते हैं, जो निम्नलिखित हैं
1. इनपुट यूनिट
ये वे हार्डवेयर होते हैं जो डाटा को कम्प्यूटर में भेजते हैं। बिना इनपुट यूनिट के कम्प्यूटर TV की तरह दिखने वाली एक ऐसी डिस्प्ले यूनिट हो जाता है जिससे उपयोगकर्ता कोई कार्य नहीं कर सकता, जैसे- कीबोर्ड, माउस आदि ।
2. आउटपुट यूनिट
डाटा तथा निर्देशों को परिणाम के रूप में प्रदर्शित करने के लिए जिन यूनिट्स का उपयोग किया जाता है, उन्हें आउटपुट यूनिट कहते हैं, जैसे- प्रिण्टर, मॉनीटर आदि ।
3. सेण्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (सीपीयू)
कम्प्यूटर में किए जाने वाले सभी कार्य सी पी यू के द्वारा ही किए जाते हैं। सीपी यू को कम्प्यूटर का मस्तिष्क कहा जाता है। इसका मुख्य कार्य प्रोग्रामों को क्रियान्वित करना है। इसके अतिरिक्त सी पी यू कम्प्यूटर के सभी भागों जैसे मैमोरी, इनपुट एवं आउटपुट डिवाइसेज के कार्यों को भी नियन्त्रित करता है। सेण्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट दो महत्त्वपूर्ण भागों से मिलकर बनती है।
(i) अर्थमैटिक लॉजिक यूनिट (ALU) CPU के लिए सभी प्रकार की अंकगणितीय क्रियाएँ (जोड़ना, घटाना, गुणा तथा भाग) और तुलनाएँ इसी यूनिट में की जाती हैं।
(ii) कण्ट्रोल यूनिट (CU) यह कम्प्यूटर के सभी भागों के कार्यों पर नजर रखता है तथा उनमें परस्पर तालमेल बैठाने के लिए उचित आदेश भेजता है।
4. मैमोरी यूनिट
यह डाटा तथा निर्देशों को संग्रहीत करती है। यह आधुनिक कम्प्यूटरों के मूल कार्यों में से एक अर्थात् सूचना स्टोरेज की सुविधा देती है। इसमें दो प्रकार की मैमोरी होती है
(i) प्राइमरी मैमोरी
इसे आन्तरिक ( Internal) या मुख्य (Main) मैमोरी भी कहा जाता है, क्योंकि यह कम्प्यूटर के सी पी यू का ही भाग होती है। प्राइमरी मैमोरी के भी दो भाग होते हैं। (a) रैण्डम एक्सेस मैमोरी (रैम) (b) रीड ओनली मैमोरी (रोम)
(ii) सेकेण्डरी मैमोरी
इसे बाह्य या सहायक मैमोरी या ऑक्जीलरी मैमोरी भी कहा जाता है। इसमें डाटा स्टोर करने की क्षमता प्राइमरी मैमोरी से अधिक होती है। फाइल सिस्टम स्थायी रूप से सेकेण्डरी मैमोरी में स्टोर रहती है। जैसे- सीडी, डीवीडी, फ्लॉपी, ब्लू-रे डिस्क, पेन ड्राइव, हार्ड डिस्क ड्राइव आदि ।
मैमोरी की इकाइयाँ –
1 बिट = बाइनरी डिजिट (01)
8 बिट्स = 1 बाइट = 2 निबल
1024 बाइट्स = 1 किलोबाइट (1 KB)
1024 किलोबाइट = 1 मेगाबाइट (1 MB)
1024 मेगाबाइट 3 = 1 गीगाबाइट (1 GB)
1024 गीगाबाइट = 1 टेराबाइट (1 TB )