अगर पूरी दुनिया की घडियां एक साथ मिला दी जाये तो बहुत बडी गडबड हो जायेगी जैसे किसी के यहां 5 बजे सुबह होगी तो किसी के यहां 5 बजे दोपहर तो किसी के यहां 5 शाम। इस समस्या को हल करने के लिए समय देष्ठांष्ठा रेखाओं के आधार पर क्षेत्रीय समय को बनाया गया। पूरी दुनिया के नक्शे को देशांश रेखाओं (Longitude lines) के आधार पर प्रत्येक 15 अंश के अंतर पर 24 बराबर बराबर के काल्पमनिक हिस्सों में बाँट दिया गया है और इसकी शुरुआत (0 अंश) से होती है।
यह (0 अंश) अंश वाली रेखा इंग्लैंड के ग्रीनविच में स्थित वेधशाला से शुरू होती है, समय की गणना यहीं आरंभ होती है। इसे अंतर्रराष्ट्रीय मानक समय (ग्रीनविच मीन टाईम) के नाम से जाना जाता है। ग्रीनविच रेखा से दाहिनी ओर वाले देशों का समय आगे होता है और ग्रीनविच रेखा से बाईं ओर वाले देशों का समय पीछे होता है।
इसी प्रकार हर देश का अपना मानक समय है भारत में यह रेखा जो कि इलाहाबाद के निकट नैनी से गुजरती है यही से भारत का राष्ट्रीय मानक समय माना जाता है |
भारत का मानक समय ग्रीनविच रेखा से 82.5 अंश दाहिनी ओर है, जिसका अर्थ है कि भारत का मानक समय ग्रीनविच के मानक समय से साढ़े पाँच घंटे आगे है। यानि जब ग्रीनविच रेखा के पास रात के 12 बजेंगे तब यहां के सुबह के 5.30 बजेंगे।
इसलिए भारतीय मानक समय अंतर्राष्ट्रीय मानक समय से 5:30 घंटे आगे रहता है