हरित सूचकांक की अवधारणा को समझाइए।

हरित सूचकांक: पर्यावरण सांकेतिक प्रदर्शन का नया मापदंड

हरित सूचकांक क्या है:

हरित सूचकांक (ग्रीन इंडेक्स) एक उपकरण है जो एमएफआई (एन्वायरनमेंटल परफॉर्मेंस इंडेक्स) की मापक गुणवत्ता में सुधार करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह उपकरण उच्च स्तर पर पर्यावरणीय प्रदर्शन की अवधारणा को मापने में सहारा करता है और इसे सुनिश्चित करने में मदद करता है कि एक संगठन या क्षेत्र का पर्यावरण के प्रति योगदान का ठोस रूप से मूल्यांकन किया जा सकता है।

ग्रीन इंडेक्स की उत्पत्ति:

ग्रीन इंडेक्स की शुरुआत हुई एक सामाजिक पहल के रूप में, जिसमें यूरोपीय माइक्रोफाइनेंस फोरम (EMF) के माइक्रोफाइनेंस और पर्यावरण कार्य समूह ने भाग लिया। यह साझेदारी विभिन्न संगठनों और व्यक्तियों के बीच पर्यावरण समर्थन को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई थी, जिससे एक सामूहिक प्रयास के रूप में इसे विकसित किया गया।

ग्रीन इंडेक्स का आधार:

ग्रीन इंडेक्स को लागू करने का मुख्य उद्देश्य है प्रदूषण, ऊर्जा संचयन और समृद्धि की सुरक्षा के माध्यम से एक संगठन या क्षेत्र की प्रदर्शन में सुधार करना है। इसके माध्यम से विभिन्न पैरामीटर्स की निगरानी की जाती है, जैसे कि ऊर्जा उपयोग, जल संसाधन, और वायु प्रदूषण, जो एक संगठन के प्रदर्शन को मापने में मदद करते हैं।

हरित सूचकांक का अभिवृद्धि:

इसे सभी देशों में लागू किया गया है और यह प्रति वर्ष विभिन्न क्षेत्रों में कार्रवाई कर रहा है। यह न केवल एक संगठन को उसके पर्यावरणीय प्रदर्शन को सुधारने का मार्गदर्शन करता है, बल्कि इसके माध्यम से एक विद्यार्थी, उद्यमी, और सामाजिक संगठन भी अपने क्षेत्र में हरितता की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।

समापन:

हरित सूचकांक एक प्रगतिशील और प्रभावी उपकरण है जो पर्यावरणीय संबंधों में सुधार को मापने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसके माध्यम से सामूहिक साझेदारी और उद्यमी समर्थन के माध्यम से हम सभी मिलकर एक हरित और स्वस्थ पर्यावरण की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।