भारतीय सर्वविधान के चौबिसवें संशोधन की महत्ता पर प्रकाश डालिए।

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    meeso
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        meeso
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          भारतीय संविधान के चौबिसवें संशोधन की महत्ता :-

          24वें संविधान संशोधन द्वारा संविधान के अनुच्छेद 13 तथा अनुच्छेद 368 को संशोधित करके यह स्पष्ट कर दिया गया है | कि संवधिान के किसी भी भाग में संशोधन का अधिकार संसद को है, और किसी भी संशोधन को इस आधार पर चुनौती नहीं दी जा सकती कि उससे भाग- 3 में प्रदत्त अधिकारें का अतिक्रमण होता है।

          1969 में “गोलकनाथ बनाम पंजाब राज्य” के मामने में सर्वोच्च न्यायालय ने निर्णय दिया कि संसद को भाग -3 में संशोधन का अधिकार नहीं है या मौलिक अधिकारों में से किसी एक को या सभी को समाप्त करने या सीमित करने का अधिकार नहीं है किन्तु 1973 में “केशवानंद भारतीय बनाम केरल राज्य” के मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने निर्णय दिया कि संसद मौलिक अधिकारों में तो संशोधन का अधिकार रखती है किन्तु ऐसा कोई भी संशोधन नहीं कर सकती  जो संविधान के मूल ढांचे को परिवर्तित करता हो।

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