भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 का सम्बन्ध है:- अनुच्छेद 25 अंतःकरण की और धर्म के अबाध रूप से मानने, आचरण और प्रचार करने की स्वतंत्रता से सम्बन्धित है।
हमारा देश एक पंथनिरपेक्ष राज्य है अर्थात् ऐसा राज्य जो सभी धर्मों के प्रति तटस्थता और निष्पक्षता का भाव रखता है। पंथनिरपेक्ष राज्य इस विचार पर आधारित होता है कि राज्य का विषय केवल व्यक्ति और व्यक्ति के बीच संबंध से है व्यक्ति और ईश्वर के बीच संबंध से नहीं। यह संबंध व्यक्ति के अतःकरण का विषय है।
संविधान के अनु. 25 से 28 तक सभी उपबन्धों द्वारा सभी धर्मों के प्रति निष्पक्षता का दृष्टिकोण सुनिश्चित किया गया है। इसके लिए संविधान में निम्न उपबंध हैं जैसे भारत का कोई ‘राज्य धर्म’ नहीं है। प्रत्येक व्यक्ति को अंतःकरण की स्वतंत्रता और धर्म को मानने, आचरण करने और प्रचार करने की स्वतंत्रता प्रत्याभूत की गई है।