एक ऐसी सामाजिक आर्थिक व्यवस्था, जिसके अंतर्गत व्यक्ति को उत्पादन के साधनों का स्वामित्व ग्रहण करने तथा अधिकतम लाभ अर्जित करने की पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त होती है। उसको पूंजीवादी अर्थव्यवस्था कहते हैं। पूंजीवादी अर्थव्यवस्था में उत्पादन उपभोग वितरण तथा प्रबंध से संबंधित अधिकांश निर्णय निजी उद्यमियों द्वारा किये जाते हैं।
पूंजीवादी अर्थव्यवस्था को मुक्त बाजार अर्थव्यवस्था या मुक्त व्यापार अर्थव्यवस्था के नाम से जाना जाता है इसकी मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:-
1. उत्पादन के साधनों का स्वामित्व व्यक्तियों या निजी हाथों में होता है।
2. स्वहित और लाभ का उद्देश्य इस अर्थव्यवस्था की मुख्य निर्धारक शक्तियां होती हैं।
3. इन क्रियाओं में सरकार की भूमिका केवल प्रशासनिक एवं कानूनी व्यवस्था तक ही सीमित होती हैं।
4. उपभोक्ताओं को अपनी इच्छानुसार वस्तुएं एवं सेवाएं चुनने का अधिकार है जिससे उन्हें सर्वाधिक संतुष्टि मिलती हो और जो उनके लिए सर्वाधिक उपयोगी हो।
5. इस व्यवस्था में मूल्य बाजार शक्तियों द्वारा मांग और पूर्ति के आधार पर निर्धारित किया जाता है सरकार का हस्तक्षेप बहुत कम होता है।
यद्यपि पूर्णतया पूंजीवादी व्यवस्था बहुत कम देखने को मिलती है फिर भी स. रा. अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और जापान में सामान्यतः इस प्रकार की अर्थव्यवस्था देखने को मिलती हैं