तक्षशिला गान्धार राज्य महाजनपद की राजधानी थी
वर्तमान पाकिस्तान के रावलपिण्डी जिले में स्थित तक्षशिला प्राचीन समय में गान्धार राज्य की राजधानी थी।
इसके इतिहास में प्रसिद्धि का कारण उसका ख्याति प्राप्त शिक्षा केन्द्र होना था।
यहां अध्ययन के लिए दूर-दूर से विद्यार्थी आते थे जिनमें राजा तथा सामान्यजन दोनों ही सम्मिलित थे।
कोशल के राजा प्रसेनजित, बिम्बिसार का राजवैद्य जीवक, कनिष्क का राजवैद्य चरक, बौद्ध विद्वान वसुबंधु, चाणक्य आदि ने यहीं शिक्षा प्राप्त की थी।
बौद्ध साहित्य से पता चलता है कि यह वैद्यक एवं धनुर्विद्या की शिक्षा के लिए विश्व में प्रसिद्ध था।
तक्षशिला जैनधर्म का भी तीर्थस्थल कहा गया है।
पुरातन प्रबन्ध संग्रह में यहां के 105 जैन स्थलों का विवरण प्राप्त होता है।
यह रोम से व्यापार का एक केन्द्र भी था जिसका प्रमाण यहाँ उत्खनन से प्राप्त होगा।