शहरी सभ्यता धूल को प्रदूषण मानती है। अतः धूल से खेलना उसे अस्वस्थकर लगता है।
साथ ही यह सभ्यता ऊँची-ऊँची इमारतों में रहना चाहती है, जिससे वह धूल से दूर रह सके।
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