सहस्रबाहु की भुजाओं को परशुराम ने काट डाला था |
परशुराम लक्ष्मण को भयभीय करने के उद्देश्य से सहस्रबाहु की भुजाओं को काटने वाले फरसे की ओर देखने के लिए कहते हैं।
जिससे लक्ष्मण भयभीत होकर उनके क्रोध को जागृत कर बढ़ाने वाली व्यंग्योक्तियों को बोलना बंद कर दें, अन्यथा वे उनका वध कर देंगे।
सहस्रबाहु सूर्यवंश का एक राजा था ।
एक दिन वह रेवा (नर्मदा) नदी के किनारे गया |
उसने अपनी भुजाओं के बल से नदी के प्रवाह को रोक दिया।
जल के रुक जाने से उद्गम की ओर नदी के जल में बाढ़ आ गई।
तब रावण ने सहस्रबाहु से कहाहे राजा, तुम मुझसे युद्ध करो।
तब सहस्रबाहु ने कहा-दोपहरी की पूजा करके मैं युद्ध करूँगा (पर रावण नहीं माना)।
तब दोनों ने अत्यंत क्रोध में आकर युद्ध किया।
इस युद्ध में सहस्रबाहु ने रावण को पकड़ लिया, अपनी काँख में दबा लिया, फिर मध्याह्न की पूजा की फिर रावण को स्वयं छोड़ दिया।
इसके पश्चात सहस्रार्जुन यमदग्नि ऋषि के आश्रम में आया।
उसने ऋषि की कामधेनु के लिए बलपूर्वक धावा किया। परशुराम जी को जैसे ही यह समाचार मिला, वे तुरत दौड़े-दौड़े आए और सहस्रार्जुन को मार डाला।