सलाल परियोजना जम्मू और कश्मीर में चिनाब नदी पर एक परियोजना है।
वर्ष 1920 में सलाल परियोजना की पहल की गई थी और परियोजना पर जाँच वर्ष 1961 में जम्मू एवं कश्मीर सरकार द्वारा प्रारम्भ की गई और निर्माण 1970 से केंद्रीय जलविद्युत परियोजना नियंत्रण बोर्ड द्वारा शुरू किया गया था।
बाँध के निर्माण में लगभग पाँच साल लगे। यह बांध 130 मीटर ऊंचा है, और यह समुद्र तल से 1627 फीट की ऊंचाई पर है। सलाल परियोजना को सलाल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर स्टेशन के रूप में भी जाना जाता है।
इस परियोजना के प्रथम चरण में 115 मेगावाट की 3 विद्युत इकाइयाँ लगाई गयी थीं। दूसरे चरण में 113X3 मेगावाट की तीन और इकाइयाँ लगाई गयी हैं।
इस परियोजना से जम्मू और कश्मीर को परियोजना से उत्पन्न ऊर्जा का 12.5 प्रतिशत प्राप्त होता है। शेष ऊर्जा को पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश राज्यों में वितरित किया जाता है।
1978 में समझौते के बाद परियोजना का निर्माण राष्ट्रीय जलविद्युत ऊर्जा निगम (NHPC) को सौंपा गया था।