समान परमाणु द्रव्यमान संख्या, परन्तु असमान परमाणु संख्या वाले परमाणुओं को समभारिक कहते हैं |
अतः विभिन्न तत्वों के परमाणु, जिनका परमाणु भार तो समान होता है, परन्तु उनकी परमाणु संख्या में अन्तर होता है, समभारी (Isobars) कहलाते हैं।
उदाहरण के लिए-कैल्सियम (परमाणु भार 40, परमाणु संख्या 20)
तथा आर्गन (परमाणु भार 40, परमाणु संख्या 18)
समभारी हैं।
आवर्त सारणी में समभारिकों का स्थान पृथक-पृथक होता है, क्योंकि उनके परमाणु क्रमांक भिन्न होते हैं।
उदाहरण 1-कार्बन (
) तथा नाइट्रोजन (
) समभारिक हैं। कार्बन का परमाणु क्रमांक 6 तथा नाइट्रोजन का परमाणु क्रमांक 7 है, परन्तु इन दोनों की द्रव्यमान सख्या 14 है।
उदाहरण 2-आर्गन (
), पोटैशियम (
) तथा कैल्सियम (
) समभारिक हैं, क्योंकि इनकी द्रव्यमान संख्या (40) समान हैं, परन्तु इनके परमाणु क्रमांक भिन्न हैं।
समभारिकों की विशेषताएँ (Characteristics of Isobars)-
(i) समभारिकों के परमाणु क्रमांक भिन्न-भिन्न होने के कारण उनके रासायनिक गुण भिन्न-भिन्न होते हैं।
(ii) समभारिकों में मूल कणों की संख्या भिन्न-भिन्न होने के कारण उनके भौतिक गुण भी भिन्न-भिन्न होते हैं।
(iii) आवर्त सारणी में समभारिकों का स्थान भिन्न-भिन्न होता है।
(iv) समभारिकों में प्रोटॉनों एवम् न्यूट्रॉनों की संख्या का योग समान होता है, परन्तु परमाणु क्रमांक भिन्न-भिन्न होते हैं।
(v) नाभिकीय संरचना भिन्न होने के कारण समभारिकों में रेडियोऐक्टिव गुण समान या असमान होता है।