सतनाम पंथ का अर्थ क्या होता है ?

  • Post
Viewing 0 reply threads
  • उत्तर
      pscfighter
      Participant
        सतनाम पंथ का अर्थ ऐसे समुदाय से है जो सत्य और पवित्रता को महत्व देते है |

        इसको मानने वाले तथा इसके अनुसार आचरण करने वालो को सतनामी कहा जाता है |

        सतनाम पंथ के प्रवर्तक गुरुघासीदास जी माने जाते है |

        गुरुघासीदास का जन्म 18 दिसम्बर 1756 को हुआ था |

        गुरुघासीदास जी की जन्मभूमि तथा तपोभूमि छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले का गिरौधपुरी ग्राम है |

        सतनाम पंथ के सिद्धांत –
        सतनाम पर विश्वास करना
        जातिभेद का बहिष्कार
        मूर्ति पूजा का खंडन
        मांस मदिरा का निषेध

        सतनाम पंथ की विशेषताएं –

        सत्य के मार्ग में चलना
        गुरु को पूज्यनीय स्थान देना |
        चोरी, जुआ से दूर रहना
        मूर्ति पूजा तथा जातिभेद का विरोध करना
        सभी को समानता का अधिकार देना
        प्रतीक चिह्न – जैतखाम

    Viewing 0 reply threads
    • You must be logged in to reply to this topic.