सतनाम पंथ का अर्थ ऐसे समुदाय से है जो सत्य और पवित्रता को महत्व देते है |
इसको मानने वाले तथा इसके अनुसार आचरण करने वालो को सतनामी कहा जाता है |
सतनाम पंथ के प्रवर्तक गुरुघासीदास जी माने जाते है |
गुरुघासीदास का जन्म 18 दिसम्बर 1756 को हुआ था |
गुरुघासीदास जी की जन्मभूमि तथा तपोभूमि छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले का गिरौधपुरी ग्राम है |
सतनाम पंथ के सिद्धांत –
सतनाम पर विश्वास करना
जातिभेद का बहिष्कार
मूर्ति पूजा का खंडन
मांस मदिरा का निषेध
सतनाम पंथ की विशेषताएं –
सत्य के मार्ग में चलना
गुरु को पूज्यनीय स्थान देना |
चोरी, जुआ से दूर रहना
मूर्ति पूजा तथा जातिभेद का विरोध करना
सभी को समानता का अधिकार देना
प्रतीक चिह्न – जैतखाम