संसदीय व्यवस्था में स्थाई सदन राज्य सभा है।
भारतीय संसद राष्ट्रपति और दो सदनों “राज्यसभा और लोकसभा” से मिलकर बनती है।
राज्यसभा संसदीय तंत्र के परिसंघीय ढाँचे में, द्वितीय है।
राज्य सभा एक स्थायी सदन है उसे भंग नहीं किया जा सकता है।
राज्य सभा के सदस्यों का निर्वाचन अप्रत्यक्ष रूप से होता है।
वित्त विधेयक एवं कुछ अन्य विषयों के अतिरिक्त अन्य सभी विधेयकों के संबंध में लोक सभा और राज्य सभा को प्रायः समान शक्तियाँ प्राप्त है।
अनुच्छेद 312 के अंतर्गत राज्य सभा अपने दो-तिहाई बहुमत से प्रस्ताव पारित कर नयी अखिल भारतीय सेवाएं स्थापित करने का अधिकार केन्द्रीय सरकार को दे सकती है। यह अधिकार केवल राज्य सभा को ही प्राप्त है।
अनुच्छेद 249 के अनुसार, राज्य सभा अपने विशेष बहुमत से राज्य सूची के किसी विषय को राष्ट्रीय महत्त्व का घोषित करके संसद ला को उस कानून बनाने का अधिकार दे सकती है।
सदन के रूप में राज्य सभा महत्त्वपूर्ण है।