श्वेत प्रकाश में कितने रंग होते हैं

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    pinku
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        श्वेत प्रकाश में सात रंग होते हैं

        वर्ष 1665 में, न्यूटन ने काँच प्रिज्मों के साथ अपने प्रयोगों द्वारा खोज की कि श्वेत प्रकाश (जैसे सौर प्रकाश) सात रंगों के मिश्रण का बना होता है।

        कथन से कि श्वेत प्रकाश सात रंगों का मिश्रण है हमारा मतलब है कि श्वेत प्रकाश सात रंगों के प्रकाशों का मिश्रण है। न्यूटन ने पाया कि श्वेत प्रकाश की किरण पुंज को यदि त्रिभुजाकार काँच प्रिज्म से होकर गुजारा जाता है, श्वेत प्रकाश विपाटित होकर श्वेत पर्दे पर सात रंगों की एक पट्टी बनाता है।

        श्वेत पर्दे पर बनी सात रंगों की पट्टी, जब श्वेत प्रकाश के किरणपुंज को काँच प्रिज्म से गुजारा जाता है, श्वेत प्रकाश का वर्णक्रम (spectrum) कहलाती है।

        वर्णक्रम के सात रंग हैं : लाल (red), नारंगी (orange), पीला (yellow), हरा (green), नीला (blue), जामुनी या आसमानी (indigo), और बैंगनी (violet)।

        अंग्रेजी में वर्णक्रम के सात रंगों को शब्द VIBGYOR द्वारा संकेत कर सकते हैं जहाँ V बैंगनी के लिए, I जामुनी या आसमानी के लिए, B नीले के लिए, G हरे के लिए, Y पीले के लिए, 0 नारंगी के लिए और R लाल के लिए होता है।

        श्वेत प्रकाश के एक किरणपुंज  को एक काँच प्रिज्म  में गुजारा जाता है। श्वेत प्रकाश का यह पुंज काँच प्रिज्म में प्रवेश करने पर विपाटित होता है और प्रिज्म के दूसरी तरफ रखे श्वेत पर्दे पर सात रंगों की एक चौड़ी चित्ती बनाता है।

        भौतिक विज्ञान -x की भांति जब काँच प्रिज्म को उसके आधार पर रखा जाता है, तो वर्गक्रम के शीर्ष पर लाल रंग और आधार पर बैंगनी रंग होता है। काँच प्रिज्म जैसे पारदर्शक माध्यम से गुजारने पर श्वेत प्रकाश का सात रंगों में विपाटन, प्रकाश का विक्षेपण (dispersion) कहलाता है।

        सात रंगों (वर्णों) के वर्णक्रम का बनना दर्शाता है कि श्वेत प्रकाश, परस्पर मिश्रित सात विभिन्न रंगों के प्रकाशों का बना है। अर्थात्, श्वेत प्रकाश सात रंगों (वर्णों) (या सात रंगीन प्रकाशों) का मिश्रण है। काँच प्रिज्म का प्रभाव केवल श्वेत प्रकाश के सात रंगों को पृथक करना होता है।

        सात रंगों की समान पट्टी बनती है, जब विद्युत-बल्ब से श्वेत प्रकाश का पुंज त्रिभुजाकार काँच प्रिज्म पर पड़ता है। काँच प्रिज्म द्वारा प्रकाश के विक्षेपण को हम निम्न प्रकार समझा सकते हैं

        श्वेत प्रकाश सात रंगों के प्रकाशों का मिश्रण है : लाल, नारंगी, पीला, हरा, नीला, जामुनी और बैंगनी। काँच प्रिज्म से गुजरने पर श्वेत प्रकाश का विक्षेपण होता है क्योंकि विभिन्न रंगों के प्रकाशों का अपवर्तन कोण (अथवा झुकाव-कोण) भिन्न-भिन्न होता है।

        इसलिए, सात रंगों का बना श्वेत प्रकाश जब काँच प्रिज्म पर पड़ता है, उसमें उपस्थित प्रत्येक रंग भिन्न-भिन्न कोण से अपवर्तित (या विचलित) हो जाता है, परिण गामस्वरूप सात रंग फैलकर वर्णक्रम (spectrum) बनाते हैं।

        लाल रंग का सबसे कम विचलन होता है, इसलिए वह वर्णक्रम का ऊपरी भाग बनाता है। दूसरी ओर, बैंगनी रंग का अधिकतम विचलन होता है, इसलिए बैंगनी रंग, वर्णक्रम के आधार पर प्रकट होता है।

        कृपया नोट करें कि वर्ण क्रम के सात रंग केवल अपनी आवृत्तियों में भिन्न होते हैं। ये रंग बढ़ती हुई आवृत्ति (परन्तु घटती हुई तरंगदैर्हो) के क्रम में निम्न प्रकार होते हैं : लाल (Red), नारंगी (Orange), पीला (Yellow), नीला (Blue), जामुनी (Indigo) और बैंगनी (Violet)| कोई भी प्रकाश जो सौरप्रकाश के समान वर्णक्रम देता है, श्वेत प्रकाश कहलाता है।

         

         

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