स्नेह अर्थात् प्रेम संबंधों को पुष्ट करता है। स्नेह का चरम रूप श्रद्धा है। श्रद्धा विश्वास से उपजती है और भक्ति में परिवर्तित हो जाती है।
नगण्य और तुच्छ होने के बावजूद भी सेनानी मातृभूमि की धूल को माथे से लगाकर उसके प्रति स्नेह, श्रद्धा और भक्ति प्रकट करते हैं।
इस प्रकार धूल श्रद्धा, भक्ति और प्रेम जैसी मानवीय भावनाओं को जताने का सर्वोत्तम साधन है।
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