(1) रूढ़ (मूल शब्द) :- ये वे शब्द हैं जो परम्परा से चले आ रहे हैं और इन्हें यदि तोड़ा जाए या टुकड़े किए जाए तो उन टुकड़ों से कोई अर्थ नहीं निकलता
जैसे-पुस्तक, घोड़ा, घर, रूप आदि।
(ii) यौगिक शब्द:- ये वे शब्द हैं जो दो या दो से अधिक शब्द या शब्दांशों के मेल से बनते हैं,
जैसे-पुस्तकालय (पुस्तक+आलय), मध्यावकाश (मध्य+अवकाश) आदि।
(iii) योगरूढ़ :- ये वे शब्द हैं जो दो या अधिक शब्दों / शब्दाशों से मिल कर बनते हैं और जो किसी विशेष अर्थ में रूढ़ हो गए हैं,
जैसे-दशानन (दश आनन)-रावण, लंबोदर (लम्ब-उदर)-गणेश आदि।
Tagged: योगरूढ़, यौगिक, रूढ, व्युत्पत्ति या रचना के आधार पर शब्द
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