व्यावसायिक बैंक या वाणिज्यिक या व्यापारिक बैंक का आशय एक ऐसी संस्था से होता है जो लाभ प्राप्ति के उद्देश्य से जनता से धन जमा स्वीकार करने के साथ ही उधार के रूप में ऋण प्रदान करके मुद्रा में व्यवसाय करती है।
इसके अतिरिक्त ये वाणिज्यिक प्रपत्रों व अन्य गतिविधियों को सम्पन्न करते हुए लाभ प्राप्ति हेतु मध्यस्थ की भूमिका का भी निवर्हन करती है। इसे व्यावसायिक बैंक या वाणिज्यिक या व्यापारिक बैंक कहते है
इन बैंकों का मुख्य उद्देश्य व्यापारिक संस्थानों की अल्पकालीन वित्तीय आवश्यकताओं की पूर्ति करना है। व्यापारिक बैंक धन जमा करने, ऋण देने, चैकों का संग्रहण एवं भुगतान करने तथा एजेन्सी सम्बन्धी अनेक काम करते हैं।
भारतीय बैंकिंग नियमन अधिनियम (Banking Regulation Act) के अनुसार, “बैंकिंग से तात्पर्य ऋण देने अथवा विनियोजन के लिए जनता से धन जमा करना है जो माँग करने पर लौटाया जा सकता है तथा चैक, ड्राफ्ट अथवा अन्य प्रकार की आज्ञा द्वारा निकाला जा सकता है।”
व्यापारिक बैंक की विशेषताएँ –
(i) व्यापारिक बैंक मुद्रा में लेन-देन करता है।
(11) बैंक जनता से ऋण देने के उद्देश्य से जमाएँ प्राप्त करता है।
(iii) बैंक का उद्देश्य लाभ अर्जन (Profit making) होता है।
(iv) व्यापारिक बैंक साख का व्यवहार करते हैं और इनमें साख निर्माण
(Credit Creation) करने की योग्यता होती है।
(v) व्यापारिक बैंक ऐसी वित्तीय संस्था है जिसकी प्रकृति पूर्णत: व्यावसायिक
होती है।