वर्ष 1892 में उन्होंने इसे एक लेख में वर्णित किया, जो की एक नया रोगजनक था |
यह बैक्टेरिया के बीच वर्गीकृत नहीं था |
यह जीव तम्बाकू के पौधों को संक्रमित करने में सक्षम था |
तम्बाकू के मोजैक रोग पर खोज के समय दिमित्री इवानोवस्की ने इस विषाणु की खोज की थी |
बता दे की विषाणु अतिसूक्षम जीव होते है त्तथा ये किसी जीवित कोशिका में वंश वृद्धि करते है | इनका निर्माण प्रोटीन द्वारा होता है |
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