विशेषण छ: प्रकार के होते हैं.
(1) गुण वाचक-जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की कोई विशेषता (जैसे-गण, रंग, आकार) बतलाते हैं, वे गण वाचक विशेषण कहलाते हैं. यथा-सफेद, छोटा, बुद्धिमान आदि,
(2) परिमाण वाचक– जो शब्द किसी वस्तु की तादाद बताते हैं, परिमाण वाचक विशेषण कहलाते हैं. यथा-थोड़ा, अधिक आदि.
(3) संख्या वाचक- जो शब्द संज्ञा की संख्या का बोध कराते हैं, संख्या वाचक विशेषण कहलाते हैं. यथा-पाँच, प्रथम आदि.
(4) संकेत वाचक- जो शब्द किसी संज्ञा की ओर संकेत करते हैं, संकेत वाचक विशेषण कहलाते हैं. यथा-यह, इस, ये आदि
(5) व्यक्ति वाचक- व्यक्ति वाचक संज्ञा से बने विशेषण व्यक्ति वाचक विशेषण कहलाते हैं. यथा-बनारसी, भारतीय आदि.
(6) विभाग बोधक- भिन्नता अथवा पृथकता प्रकट करने वाले शब्द विभाग बोधक विशेषण कहलाते हैं. यथाप्रत्येक, प्रति.आदि.