विकृत गंधिता/गंध, भोजन एवं अन्य उत्पादों में विद्यमान असंतृप्त वसा के वायवीय ऑक्सीकरण द्वारा उत्पन्न स्थिति है, जिसकी पहचान अप्रिय गंध या स्वाद से होती है।
जब वसीय पदार्थ वायु के संपर्क में आता है तो इसके असंतृप्त अवयव हाइड्रोपरऑक्साइड में परिवर्तित हो जाते हैं तो वाष्पशील एल्डिहाइड, एस्टर, अल्कोहल, कीटोन्स एवं हाइड्रोकार्बन में विभाजित हो जाते हैं जिनमें से कुछ की अप्रिय गंध होती है।
मक्खन उपर्युक्त प्रक्रिया एवं जल-अपघटन द्वारा सड़/खराब हो जाता है, जिसके परिणामस्वरूप वाष्पशील एवं दुर्गंधमय अम्ल, विशेष रूप से ब्यूटीरिक अम्ल निर्मुक्त होता है।
इसकी रोकथाम करने के लिए वसा और तेल युक्त खाद्य पदार्थों में प्रति ऑक्सीकारक मिलाए जाते हैं।
भोजन के वायुरोधी डिब्बों में रखना इस प्रक्रिया को मंद करने में सहायता करता है।