वाष्पीकरण किसे कहते हैं इस गुण का अनुप्रयोग किस हेतु किया जा सकता है

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      shubham
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        यदि किसी ठोस पदार्थ व किसी द्रव के विलयन को गर्म किया जाए तो तरल पदार्थ वाष्प में बदलकर धीरे-धीरे पूरी तरह से उड़ जाता है। हम इस प्रक्रिया को वाष्पीकरण कहते हैं और यह द्रव की सतह पर होता है।

        वाष्पीकरण के कुछ उदाहरण हैं- ग्रीष्म ऋतु में तालाबों, कुंओं तथा झीलों से पानी का वाष्पीकरण, समुद्र के जल से वाष्पीकरण द्वारा नमक बनाना इत्यादि।

        वाष्पीकरण गुण का अनुप्रयोग:-

        रेफ्रिजरेटर में :- रेफ्रिजरेटर एक घरेलू उपकरण है जो खाद्य पदार्थों आदि को ठण्डा बनाये रखकर उनको जल्दी खराब होने से बचाता है।

        यह वाष्पीकरण के सिद्धान्त पर कार्य करता है।

        इसमें तांबे की एक वाष्पत कुण्डली में फ्रियॉन गैस भरी होती है, जो वाष्पीकृत होकर ठंड उत्पन्न करती है।

        मिट्टी के घड़े में:- वाष्पीकरण (वाष्पन) की प्रक्रिया के कारण मिट्टी के बरतन में रखा जल गर्मियों में ठंडा हो जाता है।

        मिट्टी के घड़े में छोटे-छोटे छिद्र (रन्ध्रावकाश) होते हैं, जिनसे होकर घड़े का पानी वाष्पित होकर उड़ जाता है।

        फलस्वरूप घड़े के अंदर का तापमान कम हो जाता है।

        वाष्पीकरण की यह प्रक्रिया गर्मी में अच्छे प्रकार से होती है।

        समुद्र के जल से नमक बनाने में:- समुद्री जल से नमक वाष्पीकरण की प्रक्रिया द्वारा प्राप्त किया जाता है |

        हमारे देश के अधिकांश नमक का 75% समुद्री जल के वाष्पीकरण द्वारा ही प्राप्त किया जाता है |

        इसके लिए समुद्र के पानी को क्यारियों में भर लिया जाता है |

        वाष्पीकरण के पश्चात समुद्री जल में उपस्थित लवण इन्हीं क्यारियों में रह जाते है जिन्हें अलग कर लिया जाता है |

        इसको शुद्ध कर क्रिस्टलीय रूप में इसका उपयोग किया जाता |

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