वाच्य किसे कहते हैं ? वाच्य के कितने भेद हैं ?

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    pinku
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        कर्ता, कर्म अथवा भाव के विषय में क्रिया के विधान का बोधक रूप वाच्य कहलाता है.

        वाच्य के तीन भेद हैं

        (क) कर्तृवाच्य- वाक्य का उद्देश्य क्रिया का कर्ता है. इस तथ्य को बताने वाला क्रिया का रूपान्तर कर्तृवाच्य कहलाता है. यथा-पूनम ने रोटी बनाई.

        (ख) कर्मवाच्य- वाक्य का उद्देश्य क्रिया का कर्म है. इस तथ्य को क्रिया का रूपान्तर कर्मवाच्य कहलाता है. यथापूनम से रोटी बनाई गई.

        (ग) भाववाच्य- यह क्रिया का वह रूपान्तर है, जो बोध कराता है कि वाक्य के उद्देश्य क्रिया का कर्ता अथवा कर्म कोई नहीं है. यथा- मुझसे पढ़ा नहीं जाता.

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