रूस की अक्टूबर 1917 की क्रांति का वर्णन :- केरेन्सी के नेतृत्व में बनी अस्थाई सरकार में मुख्यतः जमींदार उद्योगपति, पूँजीपति आदि थे।
इस सरकार का मुख्य उद्देश्य जनतांत्रिक एवं वैधानिक सरकार की स्थापना करना, मित्रराष्ट्रों के सहयोग से युद्ध करना, व्यक्तिगत सम्पत्ति के अधिकार की रक्षा करना एवं रूस की समस्त संस्थानों में वैधानिक उपायों द्वारा परिवर्तन लाना था।
परंतु बोल्शेविकों ने इस सरकार को स्वीकार नहीं किया क्योंकि उनके अनसार परिवर्तन पर्याप्त नहीं थे।
यद्यपि बोल्शेविक लोग मार्च की क्रांति में सम्मिलित थे और किसान व मजदूर अर्थात् सर्वहारा की सत्ता को स्थापित करना चाहते थे।
अप्रैल 1917 में लेनिन स्विट्जरलैंड से वापस रूस लौटा और उसने सारे सत्ता ‘सोवियत’ (किसान और मजदूरों के सहकारी संगठन) को शतिपूर्वक हस्तांतरित करने का नारा दिया।
लेनिन और बोल्शेविकों की माँग थी कि रूस प्रथम विश्वयुद्ध से हट जाए, उद्योगों पर मजदूर का नियंत्रण हो और जोतने वाले को जमीन दे दी जाय।
अस्थाई सरकार युद्ध रोकने के पक्ष में नहीं थी।
अस्थायी सरकार की जनविरोधी नीतियों के कारण मजदूरों और किसानों में असंतोष बढ़ने लगा।
मजदूर और सैनिकों की भीड़ों ने पैट्रोगार्ड की सड़कों पर निकलकर सारी सत्ता सोवियतों को सौपने की माँग की परन्तु केरेन्स्की ने इन शातिपूर्ण जुलूसों पर गोलियाँ चलवाई।
बोल्शविकों के नेता लेनिन ने जब देखा कि किसान, मजदूर और सैनिक क्रांति के पक्ष में है तो उसने 25 अक्टूबर को क्रांति की घोषणा की जिसके पश्चात बोल्शेविकों ने पेट्रोगार्ड की सरकारी इमारतों, डाक-तार घरों, रेल-स्टेशनों, बैंकों पर अधिकार कर लिया 26 अक्टूबर 1917 को बोल्शेविको ने जार के भूतपूर्व महल पर आक्रमण कर अधिकार कर लिया केरेन्स्की राजधानी छोड़ भाग गया एवं अन्य मंत्रियों को बंदी बना लिया गया उसी दिन बोल्शेविकों ने घोषणा की कि अंतरिम सरकार का शासन समाप्त कर दिया गया है और लेनिन के नेतृत्व में जन कॉमिसार (जन-मंत्रिमंडल) का गठन किया गया। लेनिन को इसका सभापति तथा ट्राटस्की को युद्ध मंत्री, चिर्चरिन को विदेश मंत्री नियुक्त किया गया।
इस तरह लेनिन के नेतृत्व में अक्टूबर/नवंबर 1917 को रूस की बोल्शविक क्रांति सफल हुई |
इस प्रकार 1917 की रुसी क्रांति एकल क्रांति थी जो दो अवस्थाओं में विकसित हुई है। प्रथम अवस्था में फरवरी/मार्च 1917 की केरेन्स्की के नेतृत्व में तथा द्वितीय अवस्था में अक्टूबर/नवंबर 11917 की लेनिन एवं बोल्शेविकों के नेतृत्व में क्रांति हुई।
इस क्रांति से रूस में एक नए युग का सूत्रपात हुआ।