राजस्थान में कोई किसे कहते हैं:-
राजस्थान के रेतीले इलाके में पीने के पानी की बड़ी भारी समस्या है।
वहाँ जमीन के नीचे खड़िया की कठोर परत को तलाशकर उसके ऊपर गहरी खुदाई की जाती है और विशेष प्रकार से चिनाई की जाती है।
इस चिनाई के बाद खडिया की पट्टी पर रेत के कणों में रिस-रिसकर जल एकत्र हो जाता है।
इस पेय जल आपूर्ति के साधन को कुंई कहते हैं।
इसकी गहराई और व्यास तथा सामान्य कुओं की गहराई और व्यास में अंतर:-
इसका व्यास बहुत छोटा और गहराई तीस-पैंतीस हाथ के लगभग होता है।
कुओं की तुलना में इसका व्यास और गहराई बहुत ही कम है।
राजस्थान में कुओं की गहराई डेढ़ सौ/दो सौ हाथ होती है और कुआँ भू-जल को पाने के लिए बनता है।
उस पर उसका पानी भी खारा होता है।
कुंई इससे बिलकुल अलग कम गहरी, संकरे व्यासवाली होती है।
इसका जल खड़िया की पट्टी पर रिस-रिसकर गिरनेवाला जल है।
यह जल मीठा, शुद्ध और रेगिस्तान के मूल निवासियों द्वारा खोजा गया अमृत है।