यथा शिखा मयूराणाम् , नागानाम् मणयो यथा । तदवद् वेदांगशास्त्राणाम् , गणितम् मूर्धनिस्थितम ॥
इस श्लोक का अर्थ है की “सभी वेदांग शास्त्रों के शीर्ष पर गणित उसी प्रकार सुशोभित है, जैसे मोर के सिर पर शिखा और नाग के फन में मणि सुशोभित है” |
इसमें गणित की महत्ता को दर्शाया गया है |
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