हालाँकि इसका संस्कृत रूप भी लिखा गया है परन्तु संस्कृत संस्करण का नाम नागसेनभिक्षुसूत्र है |
मिलिंदपन्हो एक बौद्ध ग्रन्थ है| यह 100 ई. पू. की पुस्तक है |
इसके लेखक नागसेन जी है |जो की एक बौद्ध भिक्षु थे|
इस पुस्तक में इन्होने इंडोग्रीक शासक मिलिंद (मिनांडर ) प्रथम तथा स्वयं (नागसेन) के बीच के संवाद का वर्णन किया है |
मिनांडर और नागसेन के बीच संवाद में, शंका-समाधान के पश्चात मिनांडर के बौद्ध धर्म स्वीकारने की कथा का वर्णन इस पुस्तक में है |
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