मादक द्रव्य एवं मादक द्रव्यों का सेवन : ऐसे अनेक पदार्थ हैं जिनका सेवन करने के पश्चात् व्यक्ति को नशा हो जाता है।
मदिरा, अफीम, गाँजा, चरस आदि ऐसे ही पदार्थ हैं।
जो व्यक्ति लगातार इन पदार्थों का सेवन करते रहते हैं वह इनके आदी हो जाते हैं जिसकी वजह से वह बिना इन पदार्थों का सेवन किए बिना नहीं रह पाते हैं।
सामान्यतः जो लोग नशीले पदार्थों का सेवन करते हैं वह किसी न किसी प्रकार के संकट प्रतिबल या तनावपूर्ण परिस्थितियों में जीवित रहते हैं। यह द्रव्य पदार्थ व्यक्ति के व्यक्तित्व को समाप्त कर देते हैं।
इन पदार्थों के सेवन से व्यक्ति के शरीर पर शारीरिक और मनोवैज्ञानिक दोनों प्रकार का प्रभाव पड़ता है। ये पदार्थ मनोविकृति कृत्यात्मकसमस्याएँ भी उत्पन्न करते हैं।
इस प्रकार के नशीले पदार्थों से जहाँ कुसमायोजन उत्पन्न होता है वहीं व्यक्ति में अनेक प्रकार की मनोविकृतियाँ जन्म ले लेती हैं।
मादक द्रव्यों के सेवन से होने वाले विकारों के निम्नलिखित दो उप-समूह होते हैं
(i) मादक द्रव्य निर्भरता सम्बद्ध विकार,
(ii) मादक द्रव्य दुरुपयोग सम्बद्ध विकार।
मादक द्रव्य निर्भरता सम्बद्ध विकार (Alcohol Dependence Disorder)
मादक द्रव्य निर्भरता में व्यक्ति जिस मादक द्रव्य का आदी हो जाता है, वह उसके सेवन के बिना जीवित नहीं रह सकता है। वह व्यक्ति बहुत ही अजीब तरह की हरकतें करने लगता है।
जैसे-अपने आपको मारना, दूसरों पर झुंझलाना, रोना, व्यवहार में चिड़चिड़ापन आना आदि। इन द्रव्यों का वह इस कदर आदी हो जाता है कि इसके सेवन न करने की वजह से उसकी जीवन प्रणाली भी असमान हो जाती है।
अपने व्यवहार को ठीक करने तथा सुचारु रूप से जीने के लिए उसे इन मादक द्रव्यों का सेवन करना पड़ता है। हम दूसरे शब्दों में कह सकते हैं कि जो व्यक्ति इन मादक द्रव्यों का सेवन करते हैं
उनके जीवन में जितनी आवश्यकता रोटी, कपड़ा और मकान की होती है उससे कहीं अधिक इन मादक द्रव्यों की आवश्यकता होती है।
अगर कोई व्यक्ति काफी समय से मादक द्रव्यों का सेवन कर रहा हो अधिक वह एकदम से इनका सेवन बन्द कर दे तो उस व्यक्ति में दुर्बलता, उल्टी होना, शरीर में पसीना आना, शरीर का ऐंठना आदि लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
ये लक्षण व्यक्ति में प्रत्यागमन (withdrawal) के कहलाते हैं।
मादक द्रव्य दुरुपयोग सम्बद्ध विकार (Alcohol Abusing Disorder)
इस विकार में व्यक्ति के साथ बार-बार घटित होने वाले प्रतिकूल या हानिकारक परिणाम होते हैं जिनका सम्बन्ध मादक द्रव्यों के सेवन से होता है।
उन व्यक्तियों के पारिवारिक और सामाजिक सम्बन्ध भी ठीक प्रकार से नहीं चल पाते हैं।
वह जहाँ कहीं भी काम करते हैं वहाँ ठीक प्रकार से अपना काम नहीं करते तथा अन्य लोगों के लिए एक प्रकार का शारीरिक भय उत्पन्न करते हैं।
मादक द्रव्यों का सेवन करने वाले व्यक्ति सामान्य व्यक्ति से पूर्णत: भिन्न होते हैं।
हम मादक द्रव्य दुरुपयोग के तीन सर्वाधिक प्रचलित प्रकारों पर प्रकाश डालेंगे
(i) मद्यसेवन एवं निर्भरता,
(ii) हेरोइन दुरुपयोग,
(iii) अफीम दुरुपयोग।