गांधी जी ने सत्याग्रह तकनीकि का पहला बड़ा प्रयोग 1917 ई. में बिहार के चम्पारण जिले में किया।
चम्पारण की घटना 20वीं सदी के प्रारम्भ में शुरू हुई थी। यहाँ नील के खेतों में काम करने वाले किसानों पर यूरोपीय मालिक बहुत अत्याचार करते थे।
किसानों को अपनी जमीन के 3/20 भाग पर नील की खेती करना तथा उन मालिकों द्वारा तय दामों पर उन्हें बेचना पड़ता था।
इसे “तिनकठिया पद्धति‘ भी कहा जाता है।
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