भूगर्भिक तरंगे :- भूकंप के दौरान वह स्थान जहां से ऊर्जा निकलती है भूकंप का उद्गम केन्द्र (Focus) या भूकंप मूल कहलाता है भूगर्भिक तरंगे उद्गम केन्द्र से ऊर्जा मुक्त होने के दौरान पैदा होती है।
भू-तल पर वह बिन्दु जो उद्गम केन्द्र के समीपतम् होता है, अधिकेन्द्र (Epicentre) कहलाता है। तथा यहीं पर तरंगों को सर्वप्रथम महसूस किया जाता है। तरंगों का वेग अलग-अलग घनत्व वाले पदार्थों से गुजरने पर परिवर्तित हो जाता है। अधिक घनत्व वाले पदार्थों में तरंगों का वेग अधिक होता है।
भू-गर्भीय तरंगे दो प्रकार की होती है–
1. ‘P’ तरंगे-यह तीव्र गति से चलने वाली तरंगे है और धरातल पर सबसे पहले पहुँचती है। ये गैस, तरल व ठोस तीनों प्रकार के पदार्थों से गुजर सकती है।
2. ‘S’ तरंगे-यह धरातल पर कुछ समय अंतराल के बाद पहुंचती है। ये द्वितीयक तरंगे कहलाती है। ये केवल ठोस पदार्थों के माध्यम से ही चलती है।