भारत में गांधी जी का विदेशी शासन का प्रतिरोध किस पर आधारित था ?

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      jivtaraankit
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        भारत में गांधी जी का विदेशी शासन का प्रतिरोध संगठन की भावना पर आधारित था।

        गांधी जी ने दक्षिण अफ्रीका में प्रवासी भारतीयों को मानव-मात्र की समानता और स्वतंत्रता के प्रति जागरूक बनाने का प्रयत्न किया।

        इसी के साथ उन्होंने भारतीयों के नैतिक पक्ष को जगाने और सुसंस्कृत बनाने के प्रयत्न भी किए।

        वे मानव-मानव के बीच काले-गोरे, या ऊँच-नीच का भेद ही मिटाना पर्याप्त नहीं समझते थे, वरन् उनके बीच एक मानवीय स्वाभाविक स्नेह और हार्दिक सहयोग का संबंध भी स्थापित करना चाहते थे।

        इसके बाद जब वे भारत आए, तब उन्होंने इस प्रयोग को एक बड़ा और व्यापक रुप दिया विदेशी शासन के अन्यायअनीति के विरोध में उन्होंने जितना बड़ा सामूहिक प्रतिरोध संगठित किया, उसकी मिसाल संसार के इतिहास में अन्यत्र नहीं मिलती।

        इस बात से यह पता चलता है की भारत में गांधीजी का विदेशी शासन का प्रतिरोध संगठन की भावना पर आधारित था।

         

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