लार्ड कैनिंग के काल में इण्डियन पैनल कोड, सिविल प्रोसीजर कोड और क्रिमिनल प्रोसीजर कोड पारित किये गये थे
भारत में कम्पनी द्वारा नियुक्त अंतिम गवर्नर जनरल तथा ब्रिटिश सम्राट के अधीन नियुक्त प्रथम वायसराय लार्ड कैनिंग (1856-1862) के कार्यकाल में न्यायिक सुधारों के अंतर्गत इण्डियन पैनल कोड (भारतीय दण्ड संहिता), सिविल प्रोसीजर कोड (दीवानी प्रक्रिया संहिता) ‘क्रिमिनल प्रोसीजर कोड’ (दण्ड प्रक्रिया संहिता) पारित किये गये।
इसी समय पारित ‘इंडियन हाईकोर्ट एक्ट’ के द्वारा बम्बई, कलकत्ता, मद्रास में एक-एक उच्च न्यायालयों की स्थापना की गई। कैनिंग के समय ही 1861 का भारतीय परिषद अधिनियम पारित हुआ।
लार्ड केनिंग 1857 की सिपॉय विद्रोह उनके वायसराय के दौरान हुआ था। यह पहला जन स्वतंत्रता आंदोलन था जिसने भारत के इतिहास को बदल दिया। ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन समाप्त हो गया और ब्रिटिश सम्राट ने प्रशासन को सीधे अपने हाथ में ले लिया। वायसराय उसका एजेंट बन गया।