चाणक्य को विष्णुगुप्त/कौटिल्य के नाम से भी जाना जाता है। यह मौर्य सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य का प्रधानमन्त्री था। चाणक्य ने ‘अर्थशास्त्र’ नामक ग्रन्थ की रचना संस्कृत भाषा में की।
‘अर्थशास्त्र’ राजनीति व लोकप्रशासन पर लिखी एक प्रामाणिक पुस्तक है । इसमें 6000 श्लोक हैं चाणक्य को भारत का ‘मैकियावेली’ भी कहा जाता है। इसके अतिरिक्त ‘मुद्राराक्षस’ विशाखदत्त द्वारा तथा ‘काव्यमीमांसा’ राजशेखर द्वारा रचित प्रसिद्ध पुस्तक है।
गोपालभट्ट स्वामी वैष्णव संत, चैतन्य मलप्रभु के अग्रणी शिष्यों में से एक है। कौटिल्य की विचारधारा के सर्वाधिक समीप यदि कोई पाश्चात्य विचारक को रखा जा सकता है, तो यह निश्चित रूप से मैकियावेली है।
इन दोनों विचारकों की समानता के कारण ही यदि कुछ विचारक कौटिल्य को मैकियावेली का अग्रदूत कहते हैं।