भारतेंदु ने जानकी मंगल नामक नाटक में अभिनय किया था।
3 अप्रैल सन् 1868 को पं. शीतलाप्रसाद त्रिपाठी रचित जानकी मंगल नाटक का अभिनय ‘बनारस थियेटर’ में आयोजित किया था।
भारतेंदु हरिश्चंद्र हिंदी साहित्य के एक प्रसिद्ध साहित्यकार थे, उन्हें हिंदी साहित्य का पितामह भी कहा जाता है, क्योंकि उन्होंने ही सर्वप्रथम हिंदी में लेखन कार्य आरंभ किया था।