दूज के चाँद की आकृति के बने रेत के टीलों को बरखान कहते हैं।
बरखान-रेत के टीले ऐसे मरुस्थलों में पाये जाते हैं, जिनमें रेत की मात्रा कम तथा पवन मद्धम अथवा सामान्य गति से चलती हो |
पवन प्रवाह की दिशा से अनुप्रस्थीय दिशा में स्थित होता है और इसके श्रृंग उस दिशा की ओर अनुगमन करते हैं जिसमें पवन बहती है, क्योंकि स्तूप के सिरों पर प्रवाहित किए जाने के लिए थोड़ी रेत की मात्रा होती है|
बरखान स्तूपों के लिए सहारा, सीरिया, अरब, मिस्र और तुर्किस्तान के प्रदेश विशेष उल्लेखनीय हैं |