बचेंद्री पाल ने सर्वप्रथम एवरेस्ट को
“नमचे बाज़ार” से देखा था |
बचेंद्री पाल पर्वतारोही दल की एक सदस्य के रूप में एवरेस्ट अभियान पर निकलीं।
लक्ष्य था एवरेस्ट की चोटी पर पहुँचना।
दिल्ली से काठमांडू तक की हवाई यात्रा के बाद यह दल नमचे बाज़ार, शेरपालैंड पहुँचा।
यहाँ के नेपाली लोग एवरेस्ट को ‘सागरमाथा’ नाम से पुकारते हैं।
यहाँ से उन्होंने पहली बार एवरेस्ट को गौर से देखा।
उन्हें भारी बर्फ का एक बड़ा फूल (प्लूम दिखाई दिया।
यह पर्वत शिखर पर लहराता एक ध्वज जैसा लग रहा था।
उन्हें बताया गया कि यह दृश्य शिखर की ऊपरी सतह के आसपास 150 किलोमीटर अथवा इससे भी अधिक की गति से हवा चलने के कारण बनता है।
बर्फ का यह ध्वज 10 किलोमीटर या इससे भी लंबा हो सकता था।
शिखर पर जानेवाले प्रत्येक व्यक्ति को दक्षिण-पूर्वी पहाड़ी पर इन तूफ़ानों को झेलना पड़ता था, विशेषकर खराब मौसम में।
यह सूचना बचेंद्री को डराने के लिए पर्याप्त थी फिर भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी।